SBI Salary Account: भारतीय स्टेट बैंक Salary Account एक ऐसा बैंक खाता है जो विशेष रूप से वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए बनाया गया है। यह खाता शून्य बैलेंस के साथ खोला जा सकता है और इसमें कई लाभ शामिल हैं जैसे मुफ्त टर्म इंश्योरेंस कवरेज (Insurance Coverage), मुफ्त एटीएम एक्सेस, विभिन्न ऑनलाइन और ऑफलाइन सुविधाएं जैसे लॉकर और डीमैट और 24×7 ग्राहक सेवा और भी बहुत कुछ। (Know About SBI Salary Account Benefits, Salary Account Open In SBI, Interest Rate, Free ATM Access, Online And Offline Facilities Like Lockers And Demat, 24×7 Customer Care Support And Many More)
हर नौकरीपेशा व्यक्ति के पास एक बैंक अकाउंट जरूर होता है, जिसमें उसकी सैलरी हर महीने जमा होती है, चाहे वह अकाउंट सेविंग अकाउंट हो या सैलरी अकाउंट। दोनों खातों के अपने आप में कुछ फायदे और सुविधाएं हैं। तो बता दें कि जो लोग सैलरी पाने के लिए सेविंग अकाउंट का इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें कोई नुकसान तो नहीं होता है, लेकिन वे सैलरी अकाउंट पर मिलने वाले कई फायदों का लाभ नहीं उठा पाते हैं।
अन्य बचत खातों की तरह Salary Account में भी पासबुक, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग जैसी कई सुविधाएं मिलती हैं। सैलरी अकाउंट कम से कम दो साल या उससे अधिक पुराना होने पर खाताधारक को ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी मिलती है। ओवरड्राफ्ट राशि की सीमा दो महीने के मूल वेतन के बराबर होते हे। ओवरड्राफ्ट सुविधा के तहत अगर खाताधारक के सैलरी अकाउंट में बैलेंस नहीं है तो भी खाताधारक एक तय सीमा तक पैसे निकाल सकते हैं। वहीं, सैलरी खाताधारक की मृत्यु की स्थिति में 20 लाख रुपये तक का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा भी मिलता है।
सैलरी अकाउंट क्या होता है (Know What Is Salary Account?)
सैलरी अकाउंट एक प्रकार का स्पेशल सेविंग अकाउंट होता है जिसमें नौकरीपेशा लोगों की सैलरी (वेतन) हर महीने भेजी जाती है। अगर हम इस बचत खाते की बात करें तो यह भी किसी अन्य बचत खाते की तरह ही है, सैलरी खाता खोलने पर खाताधारक को जमा राशि पर ब्याज मिलता है और इसके अलावा कई अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं।
सैलरी अकाउंट कैसे खुलवाए (Easy To Open A Salary Account)
कोई भी वेतनभोगी व्यक्ति जो किसी कंपनी या संस्थान में काम करता है, उसे अपना मासिक वेतन प्राप्त करने के लिए वेतन खाते(Salary Account) या बचत खाते(Saving Account) की आवश्यकता होती है। यदि कोई व्यक्ति नई नौकरी ज्वाइन करता है और उसे सैलरी अकाउंट की आवश्यकता है तो उस व्यक्ति को अपनी कंपनी या संस्था से एक प्राधिकार पत्र (सहमति पत्र) प्राप्त करना होगा ।
अथॉरिटी लेटर मिलने के बाद व्यक्ति बताए गए बैंक में जाकर सैलरी अकाउंट खुलवा सकता है।
बैंक में जाने के बाद सबसे पहले बैंक मैनेजर से बात करें और सैलरी अकाउंट खोलने का फॉर्म लें, उस फॉर्म को अच्छी तरह से भरने के बाद फॉर्म के साथ पूछे गए सभी दस्तावेज संलग्न करके बैंक में जमा करे।
SBI सैलरी अकाउंट के लिए आवश्यक दस्तावेज (SBI Salary Account Documents Required)
- पैन कार्ड
- वोटर आई कार्ड
- पहचान और पते का प्रमाण (वैध दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड)
- रोजगार के सबूत
- पासपोर्ट साइज फोटो की दो कॉपी
- नवीनतम वेतन पर्ची
- यूटिलिटी बिल (जैसे बिजली)
एसबीआई सैलरी अकाउंट कैसे खोले (How To Open SBI Salary Account)
एसबीआई में वेतन खाता खोलने के लिए ग्राहक से जुड़ी कंपनी या संस्थान से सहमति पत्र और वेतन पर्ची, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज की दो कॉपी फोटो, पैन कार्ड जैसे सभी दस्तावेजों के साथ बैंक जाएं। बैंक मैनेजर से बात करें और सैलरी अकाउंट खोलने के लिए एक फॉर्म लें, उस फॉर्म को ठीक से भरने के बाद फॉर्म के साथ मांगे गए सभी दस्तावेज संलग्न करें और बैंक में जमा कर दें।
एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक एक लाख रुपये से अधिक मासिक वेतन वाले ग्राहक SBI में प्लैटिनम Salary Account खोल सकते हैं, ठीक इसी तरह 50,000 रुपये से 1 लाख रुपये मासिक वेतन वाले ग्राहक डायमंड, 25,000 से 50,000 वेतन वाले गोल्ड अकाउंट और 10,000 से 25,000 वेतन वाले ग्राहक सिल्वर अकाउंट खुलवा सकते हैं।
SBI सैलरी अकाउंट ब्याज (Salary Account Interest Rate In SBI)
वैसे अगर ब्याज की बात करें तो सैलरी अकाउंट का ब्याज सेविंग अकाउंट के ब्याज के बराबर होता है, जैसे अगर आप एसबीआई के ग्राहक हैं और आपको सेविंग अकाउंट पर 2.7 फीसदी ब्याज मिल रहा है तो समझ लीजिए कि अगर आप एक सैलरी अकाउंट खुलवाते हैं तो सैलरी अकाउंट पर आपको केवल 2.7% ब्याज मिलेगा, लेकिन याद रखने वाली बात यह है कि सैलरी अकाउंट के लिए ब्याज दर की गणना बचत खाते में शेष राशि के आधार पर की जाती है। तो आपके खाते में जितना अधिक शेष होगा, ब्याज उतना अधिक होगा।
SBI की सेविंग और सैलरी अकाउंट में क्या अंतर है?
SBI (भारतीय स्टेट बैंक) भारत के सबसे बड़े बैंकों में से एक है, वे हमेशा अपने ग्राहकों को विभिन्न प्रकार के बैंकिंग उत्पाद और सेवाएँ प्रदान करते आ रहे हैं, उनमें से एक सैलरी अकाउंट (SBI Salary Account) भी है। एसबीआई सभी वेतनभोगी व्यक्तियों को सैलरी अकाउंट यानि वेतन खाते की सुविधा प्रदान करता है, चाहे वह सरकारी कर्मचारी हो या प्राइवेट। जबकि एक आम आदमी केवल बैंक में बचत खाता (saving account) ही खोल सकता है।
सेविंग और सैलरी अकाउंट दोनों खातों में कई मायनों में कई अंतर हैं, सेविंग और सैलरी खातों के बीच अंतर को समझने के लिए चार्ट देखें
सेविंग अकाउंट | सैलरी अकाउंट |
कोई भी व्यक्ति स्वयं बैंक में जाकर Saving Account (बचत खाता) खुलवा सकता है। | सैलरी अकाउंट कंपनी या सरकारी संस्था के आदेश पर ही खोले जाते हैं। |
कोई भी व्यक्ति सेविंग अकाउंट खुलवा सकता है। | जबकि Salary Account (वेतन खाता) किसी सरकारी निगम या सार्वजनिक कंपनी में काम करने वाले वेतनभोगी कर्मचारी के लिए होता है। |
इसमें मिनिमम बैलेंस मेन्टेन रखना बेहद जरुरी होता है। | मिनिमम बैलेंस न होने पर भी यह काम करता है। |
बचत खातों का उपयोग पैसे जमा करने और निकालने के लिए किया जाता है। | सैलरी अकाउंट का उपयोग कंपनी या संगठन से सैलरी या वेतन प्राप्त करने के लिए किया जाता है। |
जाने सेविंग अकाउंट को सैलरी अकाउंट में कैसे तब्दील करें
SBI की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, अगर आप एसबीआई के पुराने ग्राहक हैं और आपके पास एसबीआई की सेविंग अकाउंट है, और आपने नई नौकरी ज्वाइन की है तो अब आपको Salary Account की जरूरत है तो आप उसी अकाउंट को सैलरी अकाउंट में बदल सकते हैं,
SBI सेविंग अकाउंट को Salary Account में बदलने के लिए आपको बस कुछ सबूत जमा करने होंगे, जो आप बहुत आसानी से कर सकते हैं।
एसबीआई सैलरी अकाउंट के फायदे (Salary Account Benefits In SBI)
- सैलरी अकाउंट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह जीरो बैलेंस की सुविधा देता है, यानी अगर आप किसी कारणवश अपने खाते का मिनिमम बैलेंस बरकरार नहीं रख पाते हैं तो भी बैंक आप पर कोई जुर्माना नहीं लगाएगा।
- यदि आप एक वेतनभोगी व्यक्ति हैं और आपने वेतन खाता(Salary Account) खोला है, तो आपका वेतन सीधे आपके बैंक खाते में जमा किया जाता है।
- ओवरड्राफ्ट सुविधा उपलब्ध है
- SBI की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, ग्राहकों को Salary Account के साथ एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग जैसी कई सुविधाएं मुफ्त में मिलती हैं।
- एसबीआई सैलरी खाताधारकों को बीमा(Insurance) का लाभ मिलता है।
- होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन और एजुकेशन लोन आदि पर भी छूट मिलती है।
- एसबीआई सैलरी खाताधारकों अपने बेतन अकाउंट(Salary Account) से किसी को भी अपना पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर कर सकते हैं।
- अपने बेतन खाते से किसी भी बिल का ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं।
- ओरभी कई अन्य काम कर सकते हैं जैसे ऑनलाइन शॉपिंग, अपने क्रेडिट कार्ड से भुगतान और भी बहुत कुछ।
- ग्राहकों के लिए ऑटो स्वीप सुविधा उपलब्ध है।
- ग्राहकों के लिए दुर्घटना बीमा कवरेज(Accidental Insurance Coverage) उपलब्ध है।
सैलरी अकाउंट के नुकसान (Disadvantages)
- सैलरी अकाउंट के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि अगर लगातार 3 महीने तक अकाउंट में सैलरी नहीं आती है तो सैलरी अकाउंट अपने आप सेविंग अकाउंट में तब्दील हो जाता है।
- एक बार सैलरी अकाउंट सेविंग अकाउंट में तब्दील हो जाए तो सैलरी अकाउंट की सभी सुविधाएं मिलनी बंद हो जाती हैं और इसके साथ ही मिनिमम बैलेंस बनाए रखने की टेंशन भी खरे हो जाती है।
- Salary Account आमतौर पर कंपनी द्वारा खोले जाते हैं। इसीलिए बिना कंपनी की अनुमति के आप अपनी पसंद का बैंक खुद नहीं चुन सकते, क्योंकि जिस बैंक के साथ कंपनी का टाई-अप होता है, आपको उस बैंक की अनुमति मिल जाती है।
- हम सभी जानते हैं कि बचत खाता खोलने के लिए कोई आयु सीमा नहीं है, देश का हर व्यक्ति, चाहे वह युवा हो या बुजुर्ग व्यक्ति, या कोई हाउस वाइफ, बचत खाता सभी खोल सकता है, लेकिन वेतन खाता(Salary Account) खोलने के लिए आपकी आयु 18 वर्ष होनी चाहिए या उससे अधिक और इसके अलावा किसी कंपनी का कर्मचारी होना भी जरूरी है।
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निष्कर्ष
इस लेख के माध्यम से हमने SBI Salary Account के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी विस्तार से बताने का प्रयास किया है जो आपके लिए जानना आवश्यक है। हमने आपको इसके फायदे और नुकसान भी बताए हैं, अगर आपको आर्टिकल पसंद आया हो तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों और उन लोगों के साथ जरूर शेयर करें जिन्हें इसकी जरूरत है। अगर आर्टिकल पढ़ने के बाद आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं।